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लव इज माय लाइफ ए ब्यूटीफुल लव स्टोरी

उस तरफ स्नेहा ने नए दोस्त ढूंढ लिए है तो इधर, हमारे नायक, लव ने भी जीने का एक तरीका ढूंढ लिया है, स्नेहा के जाने के बाद, लव के जीवन में विशेष परिवर्तन आए हैं, अब उसमें बहुत गंभीरता आ गई है, उसे अब व्यर्थ के विषयों में कोई रुचि नहीं है, वह जिस कार्य को भी करने के लिए चुनता है, उसे खत्म करके ही छोड़ता है, लव ने अपनी पढ़ाई और संस्कार ओर समझदारी में सभी को पीछे छोड़ दिया है, आज पूरे स्कूल में लव से होनहार और संस्कारी छात्र कोई दूसरा नहीं है, लव सबकी मदद करता है, इसी कारण, वह सबको अपना लगता है, परीक्षा हो चुकी है, स्कूल की छुट्टियां चल रही है, आज सोनिया, लव से मिलने उसके घर आई है, जब वह आकर लव को स्नेहा की पेंटिंग बनाते देखती है तो उसे यह दृश्य,ऐसा लगता है, जैसे किसी ने उसकी आंखों में कांटा चुभो दिया हो, अपनी ईसी चुभन के साथ, वह लव उसे कहती है

"स्नेहा मे एसा क्या है, जो मुझ में नहीं है"?

"तुम ऐसा क्यों पूछ रही हो, मैंने, तुम और स्नेहा में कभी भेद नहीं किया, मेरी नजर में तुम और स्नेहा में कोई फर्क नहीं है"! लव ने बताया

लव के यह शब्द सोनिया के कानों को शहद की तरह लगते हैं, इसीलिए वह सुखद भाव से अधिकार के साथ पूछती है

"तो फिर तुम, मेरी पेंटिंग क्यों नहीं बनाते हो"?

"क्योंकि तुम मेरे साथ हो, मेरे पास हो, स्नेहा हमसे दूर चली गई है और जो दूर चला जाता है,उसकी बहुत याद आती है, मैं उसकी याद में उसकी पेंटिंग बना रहा हूं"! लव ने बताया

"अगर मैं दूर चली जाऊंगी तो तुम, मुझे भी बहुत याद करोगे और मेरी भी पेंटिंग बनाओगे"? सोनिया ने पूछा

"मैं,,तुम्हें कहीं नहीं जाने दूंगा, मुझे तुम्हारी दोस्ती की जरूरत है"! लव ने अधिकार से कहा

भरोसे से भरा लव का यह वाक्य, सोनिया के उस विचार को जगा देता है, जो इससे पहले उसके हृदय में सवाल बनकर सोया हुआ था, पर उसका वह विचार आज जाग गया है और एक सवाल बनकर उसके लबों पर आया है,

"तुम्हें,,,मैं ज्यादा अच्छी लगती हूं या स्नेहा"?

"मुझे,,,तुम दोनों अच्छी लगती हो"!लव ने बताया

"तुम बड़े होकर, मुझसे शादी करोगे या स्नेहा से"?

लव अपनी मोहब्बत को और नहीं छुपा पाता है और उसके शब्द,उसकी भविष्य की नीति को उजागर करते हैं,

"शादी में स्नेहा से करूंगा,क्योंकि हमने एक दूसरे से वादा किया है"! लव ने बताया

"वादे तो धागे की तरह कमजोर होते हैं, जो समय की मार में गलकर खुद ब खुद टूट जाते हैं, मुझे नहीं लगता है स्नेहा वापस आएगी"!

लव , सोनिया के मनोभाव समझ लेता है, इसी कारण वह उसे किसी भी तरह की पीड़ा नहीं देना चाहता, इसीलिए वह बात को बदलकर कहता है

"भूख लग रही है, चलो खाना खा लेते हैं"!

"मैं खाना खाकर आई हूं,, मैं,,तुम्हें कुछ बताने आई हूं, और बताकर कर ही वापस जाना चाहती हूं"? सोनिया ने कहा

"ठीक है,,,बताओ"? लव ने हंसकर कहा

तब सोनिया ने शायराना अंदाज में कहा

शायरी आसमान को छूने की चाहत है, भरोसा भी है खुद पर तुम हर खुशी में खास हो, इसीलिए जा रही हूं, बता कर तुम्हें, तुम्हारी मोहब्बत पर यकीन है, मुझे मेरी मोहब्बत पर मैं अपनी मोहब्बत को साबित कर दूंगी तुम्हारी खुशी मानकर

"मैं जा रही हूं लव,,,अपने उन सपनों को पूरा करने जो अनंत है, मैं तो बचपन से ही आसमान से प्यार किया है और उन तारों पर ही घर बनाने के सपने देखे हैं, पर तुम ना जाने कहां से आ गए और मुझे भा गऐ, अब जब तुम, ज्यादा ही भाव खा रहे हो, तो मैं फिर अपने तारों की दुनिया में जा रही हूं पर हमेशा के लिए नहीं, केवल 15 वर्षों के लिए, मुझे लगता है, इस समय तुमसे बहस करने से कोई लाभ नहीं है, यह सभी हमारे भविष्य की चिंताएं हैं, अब मैं, तुम्हें 15 वर्षों का समय देती हूं, अगर इन 15 वर्षों में मुझसे पहले, स्नेहा लौट आई तो वादा करती हूं, कभी तुम दोनों के बीच में नहीं आऊंगी और अगर वह नहीं आई तो तुम्हें, मुझसे शादी करनी होगी, जो तपस्या तुम स्नेहा के लिए कर रहे हो, वही तपस्या में, तुम्हारे लिए करने जा रही हूं"!

सोनिया अपनी भीगी आंखों को छुपाती हुई, चली जाती है और लव की आंखें भी नम कर जाती है, इस तरह लव के जीवन से सोनिया भी रूठ कर चली जाती है और अपनी शर्तों के साथ उस अनुभव को छोड़ जाती है,जिसका इंतजार संसार में प्रशंसनीय नहीं नहीं माना जाता है पर लव के पास अब एक ही विकल्प बचा है और वह है, इंतजार,,,समय का स्वभाव है, अपने परिवर्तनों के साथ चलते रहना, असल में परिवर्तन समय के कारण नहीं होते हैं, बल्कि कर्म व क्रिया के कारण के कारण होते हैं, आज समय 15 वर्षों के बाद हमारी कहानी में फिर लौट आया है,अपने उसी स्वभाव के साथ, जो उसके नियम में है

15 साल बाद

15 साल गुजर गए, दुनिया बदल गई, धरती बदल गई, आसमान बदल गया,कई मौसम बार-बार आकर चले गए, हमारी कहानी के चेहरे बदल गए, पर आज भी लव और स्नेहा का इंतजार नहीं बदला, उनकी उम्मीदें नहीं बदली, उनका विश्वास नहीं बदला, लव आज भी उसी पहाड़ी पर खड़ा, स्नेहा का इंतजार कर रहा है, जिसे दिलो जान से चाहा, उस से 15  साल दूर रहा पर लव के चेहरे पर उसका जरा सा भी मलाल, नजर नहीं आता, ना कभी भगवान से शिकायत की, ना कभी अपनी तकदीर को कोसा, ना अपनों से गिला किया, सिर्फ एक उम्मीद के सहारे, इंतजार को अपनी राह बनाकर, यह दोनों उस राह पर चल दिए थे, और इन दोनों ने 15 सालों को, 15 पल की तरह बिता दिए, आज यह पहाड़ी अपनी नई पहचान बना चुकी है, अब इस पहाड़ी को सारा शहर लव मिन स्नेहा के नाम से जानता है, अब यहां काफी विकास हो चुका है और यह जगह मोहब्बत करने वालों के लिए एक पसंदीदा जगह बन चुकी है, लव ने बचपन में जिस प्रेम प के पथ को चुना था,वह आज भी उस पर कायम है, जो उसके हृदय के भावों की घोषणा करते हैं

लव के भाव शायरी में

शायरी तेरे इंतजार में बड़ा सुकून है, बेचैनी खो सी गई है खुशी मिली है ऐसी, जैसे दुनिया मिल सी गई है मोहब्बत हो गई है, हमें, हमसे, तेरे इंतजार के बहाने जैसे मेरे कई जन्मों की तलाश, खत्म सी हो गई है

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6 Comments

Rupesh Kumar

18-Dec-2023 07:37 PM

Nice

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Gunjan Kamal

18-Dec-2023 05:41 PM

👌👏

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Khushbu

18-Dec-2023 05:10 PM

Nyc

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